राजनीति
भारत के राष्ट्रपति ने 23वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी
भारत के राष्ट्रपति ने हाल ही में तीन वर्ष की अवधि के लिए 23वें विधि आयोग के गठन को मंजूरी दी है।
प्रकार:
- गैर-संवैधानिक सलाहकार निकाय
गठन:
- भारत सरकार, विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा
मुख्य कार्य:
- कानूनी शोध और सरकार को सिफारिशें देना
पद:
| पद | नाम |
|---|---|
| अध्यक्ष | न्यायमूर्ति बी.पी. सिन्हा |
| सदस्य | प्रो. ए.के. शर्मा, सुश्री नीलम रेड्डी, डॉ. राजेश कुमार, श्री सुरेश पटेल, सुश्री अंजलि देसाई |
संरचना:
- आयोग में एक पूर्णकालिक अध्यक्ष, चार पूर्णकालिक सदस्य, कानूनी मामलों और विधायी विभागों के सचिव पदेन सदस्य और पांच अंशकालिक सदस्य शामिल होंगे।
इतिहास:
- स्वतंत्रता पूर्व: पहली बार 1834 में (चार्टर एक्ट 1833), अध्यक्ष लॉर्ड मैकाले
- स्वतंत्रता के बाद: पहली आयोग 1955 में, अध्यक्ष - सी. सेतलवद
- पुनर्गठन: हर तीन वर्ष में
निर्माण प्रक्रिया:
- केंद्र सरकार द्वारा प्रस्ताव, राष्ट्रपति की मंजूरी
- अध्यक्ष की नियुक्ति सरकार द्वारा
कार्यप्रणाली:
- केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट से संदर्भ प्राप्त करना
- स्वयं विषयों पर अध्ययन, जनता और संगठनों से सुझाव स्वीकार करना
रिपोर्ट्स:
- विधि एवं न्याय मंत्रालय द्वारा संसद में प्रस्तुत
- संबंधित विभागों को कार्रवाई के लिए भेजी जाती हैं
- अदालतों, संसदीय समितियों और सार्वजनिक चर्चाओं में उपयोग