राजनीति
सुप्रीम कोर्ट ने कॉलेजियम पर असहमति जताने वाले आंध्र हाई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया
सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम: जजों की नियुक्ति के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठतम जज शामिल होते हैं।
भारतीय संविधान में वर्णन नहीं:
- अनुच्छेद 124: सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा परामर्श के बाद की जाती है।
- अनुच्छेद 217: उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मुख्य न्यायाधीश और राज्यपाल के परामर्श के बाद की जाती है।
कॉलेजियम प्रणाली का विकास:
- प्रथम न्यायाधीश मामला (1982): परामर्श ≠ सहमति, कार्यपालिका को प्रधानता।
- द्वितीय न्यायाधीश मामला (1993): "परामर्श" की व्याख्या सहमति के रूप में की गई, भारत के मुख्य न्यायाधीश की सलाह बाध्यकारी हो गई।
- तृतीय न्यायाधीश मामला (1998): भारत के मुख्य न्यायाधीश की राय को प्रधानता, चार वरिष्ठतम न्यायाधीशों से परामर्श आवश्यक।
कॉलेजियम की विशेषताएँ:
- कॉलेजियम की सभी राय लिखित में होनी चाहिए, बहुमत का विचार मान्य होगा।
- यदि दो जज असहमत हों, भारत के मुख्य न्यायाधीश को सरकार से नियुक्ति की सिफारिश नहीं करनी चाहिए।
भारत के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाला कॉलेजियम उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति में मुख्य भूमिका रखता है।
सर्वोच्च न्यायालय, उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के तबादलों की सिफारिश करता है।